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bhagwan Vishnu

Vijaya Ekadashi

विजया एकादशी: महत्व, कथा, व्रत विधि एवं आध्यात्मिक लाभ

प्रस्तावना

फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को विजया एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह व्रत विशेष रूप से सफलता और विजय प्रदान करने वाला माना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस व्रत को करने से मनुष्य को जीवन के हर क्षेत्र में विजय प्राप्त होती है। यह एकादशी भक्तों को न केवल भौतिक सफलता बल्कि आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग भी प्रशस्त करती है।

1. धार्मिक महत्व

शास्त्रों के प्रमाण

  • ब्रह्मवैवर्त पुराण में विजया एकादशी का विस्तृत वर्णन मिलता है
  • भविष्य पुराण के अनुसार यह व्रत सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करता है
  • इस दिन भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व है

ज्योतिषीय दृष्टिकोण

  • फाल्गुन मास में सूर्य और चंद्रमा की विशेष स्थिति बनती है
  • इस समय मीन राशि में सूर्य का प्रवेश होता है
  • व्रत करने से शनि और राहु के अशुभ प्रभाव कम होते हैं

2. पौराणिक कथा

प्राचीन काल में श्रीराम जब लंका पर चढ़ाई करने जा रहे थे, तब समुद्र पार करने के लिए उन्होंने विजया एकादशी का व्रत किया था। भगवान राम ने बकदालभ्य मुनि के आदेशानुसार इस व्रत को पूरी श्रद्धा से किया। इस व्रत के प्रभाव से उन्हें समुद्र पार करने में सफलता मिली और अंततः रावण पर विजय प्राप्त हुई। तभी से यह व्रत विजया एकादशी के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

3. व्रत एवं पूजा विधि

सामग्री

  • तुलसी दल, पीले फूल, केसर
  • भगवान विष्णु की मूर्ति या शालिग्राम
  • पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद, शक्कर)
  • फल, मेवे और मिष्ठान

विस्तृत पूजा विधि

  1. प्रातःकाल स्नान: ब्रह्म मुहूर्त में गंगाजल मिले जल से स्नान करें
  2. व्रत संकल्प: “मैं भगवान विष्णु की कृपा प्राप्ति हेतु विजया एकादशी का व्रत करता/करती हूँ”
  3. पूजा विधि:
    • लकड़ी के पाटे पर पीला वस्त्र बिछाएं
    • केसर से तिलक करें
    • पंचामृत से अभिषेक करें
  4. मंत्र जाप: “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का 108 बार जाप करें
  5. रात्रि जागरण: भगवान विष्णु के भजन गाएं

4. लाभ

आध्यात्मिक लाभ

  • जीवन के संघर्षों में विजय प्राप्त होती है
  • पाप कर्मों से मुक्ति मिलती है
  • मन को शांति और आत्मबल की प्राप्ति होती है

वैज्ञानिक लाभ

  • उपवास से पाचन तंत्र को आराम मिलता है
  • मंत्र जाप से मस्तिष्क की एकाग्रता बढ़ती है
  • वसंत ऋतु के प्रारंभ में शरीर को शुद्ध करने का उत्तम अवसर

निष्कर्ष

विजया एकादशी का व्रत हमें सिखाता है कि सच्ची लगन और भक्ति से हर कठिनाई पर विजय प्राप्त की जा सकती है। जिस प्रकार भगवान राम ने इस व्रत के प्रभाव से रावण पर विजय पाई, उसी प्रकार हम भी जीवन के संघर्षों में विजयी हो सकते हैं। यह व्रत न केवल भौतिक सफलता बल्कि आत्मिक शांति भी प्रदान करता है।

“हरि ॐ तत्सत”

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